पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक समीकरण बनते, बिगड़ते नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां पूरा विपक्ष नीतीश सरकार को अपदस्थ करने की बात कर रहा है वहीं चुनाव से पहले सभी बिखरते नजर आ रहे हैं। बिहार की जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जहां एक दिन पहले प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीपी) बनाने की घोषणा की है। वहीं आज आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने भी महागठबंधन से अलग होने का एलान कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने एनडीए में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए तीसरे मोर्चे के गठन का एलान भी कर दिया। इससे अब साफ हो गया है कि उपेंद्र कुशवाहा बसपा प्रमुख मायावती के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
गौरतलब है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति साफ नहीं होने के चलते आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा लंबे समय से नाखुश चल रहे थे। इसको लेकर कई बार उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात कर मसले को सुलझाने की कोशिश की। लेकिन तेजस्वी यादव के अड़ियल रुख के चलते सीट बंटवारे को लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं हो सकी। इसी के चलते उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया। बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी इसी समस्या के चलते महागठबंधन से किनारा कर एनडीए का दामन थाम लिया था।
ज्ञात हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा को वर्ष 2007 में नीतीश कुमार के जेडीयू से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद कुशवाहा ने फरवरी, 2009 में अपनी पार्टी राष्ट्रीय समता पार्टी का गठन किया। लेकिन वर्ष 2009 के नवंबर में वह फिर से नीतीश कुमार के करीब आ गए और उनकी पार्टी का जेडीयू में विलय हो गया। लेकिन 4 जनवरी, 2013 को उन्होंने नीतीश सरकार पर विकास नहीं करने का आरोप लगाते हुए जेडीयू से इस्तीफा दे दिया। जेडीयू से अलग होने के बाद उन्होंने एक बार फिर वर्ष 2013 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया।
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