UP News : उत्तर प्रदेश में एक परियोजना के तहत नए शहर को 80 गांवों की जमीन पर बसाने की योजना है। पहले 15 गांवों को जमीन दी जाएगी। साथ ही, इन गांवों में अस्थाई कार्यालय बनाए जाएंगे जहां अधिकारी और किसानों के बीच समझौता होगा।
नया शहर बसाने की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार एक मेगा परियोजना के तहत 80 गांवों की जमीन पर एक नया शहर बसाने की योजना बना रही है। पहले चरण में 15 गांवों की भूमि अधिग्रहण की जाएगी। नोएडा के नए सेक्टर और न्यू नोएडा (DNGIR) में जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। नोएडा प्राधिकरण ने सलाहकार कंपनी “टीला” को किसानों की सहमति के आधार पर जमीन अधिग्रहण करने के लिए नियुक्त किया है। हाल ही में, प्राधिकरण के अधिकारियों और कंपनी के सलाहकारों ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर चर्चा की।
पहले किसानों से की जाएगी चर्चा
प्रक्रिया के तहत पहले सेक्टर-161 में जमीन लेने वाले किसानों से चर्चा की जाएगी। इसके बाद न्यू नोएडा में जमीन खरीदना शुरू होगा। न्यू नोएडा करीब 209 वर्ग किमी क्षेत्र में बनाया जाएगा। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) के पास स्थित गांवों से अधिग्रहण की शुरुआत होगी। इनमें सांवली और जोखाबाद जैसे गांव शामिल हैं। साथ ही, इन गांवों में अस्थाई कार्यालय बनाए जाएंगे जहां अधिकारी और किसानों के बीच समझौता होगा।
चार चरणों में पूरा होगा मास्टर प्लान
शहर को न्यू नोएडा परियोजना के तहत 80 गांवों पर बसाने की योजना है। पहले चरण में 15 गांवों (कुल 3,165 हेक्टेयर जमीन) का अधिग्रहण होगा। मास्टर प्लान चार चरणों में 2041 तक पूरा होगा। 2027 से 2032 तक 3,798 हेक्टेयर, 2032 से 2037 तक 5,908 हेक्टेयर और 2037 से 2041 तक 8,230 हेक्टेयर जमीन विकसित की जाएगी।
आठ सौ गांवों को मिलाकर बनाया जाएगा
न्यू नोएडा मास्टर प्लान 2041 के अनुसार, औद्योगिक विकास के लिए 40 प्रतिशत जमीन, घरों के लिए 13 प्रतिशत और मनोरंजन और ग्रीन क्षेत्रों के लिए 18 प्रतिशत जमीन दी जाएगी। इस शहर को गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के आठ सौ गांवों को मिलाकर बनाया जाएगा, जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग छह लाख होगी।
आधुनिक सुविधाओं से भरेगैा शहर
किसानों से सहमति प्राप्त करने के लिए प्राधिकरण और “टीला” कंपनी के अधिकारी लगातार बातचीत कर रहे हैं। हर गांव में लगभग 200 किसान परिवारों से चर्चा होगी। आपसी सहमति के आधार पर पारदर्शी प्रक्रिया होगी। न्यू नोएडा परियोजना क्षेत्र में आवासीय और औद्योगिक विकास को गति देगी। यह शहर न सिर्फ आधुनिक सुविधाओं से भर जाएगा, बल्कि पर्यावरण और हरे क्षेत्रों पर भी ध्यान देगा।
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