DTC New Plan : दिल्ली में हर दिन लगभग 400-450 बसें खराब होने की वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) ने एक नया तरीका अपनाया है। दोनों ने मिलकर एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया है, जिससे अब खराब बसों की सूचना तुरंत संबंधित डिपो को दी जाती है और नजदीकी मैकेनिक द्वारा बसों की मरम्मत की जाती है। इससे जाम की समस्या में सुधार देखने को मिलेगा।
हर रोज 400-450 बसें होती हैं ब्रेकडाउन
स्पेशल कमिश्नर (ट्रैफिक) अजय चौधरी ने बताया कि, दिल्ली परिवहन में करीब 10,000 बसें हैं जिनमें से रोजाना 400 से 450 बसें खराब हो जाती हैं। इन बसों पर काफी दबाव होता है और उन्हें धक्का देकर हटाना संभव नहीं होता। इस वजह से अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, क्योंकि खराब बसों को ठीक किए बिना रास्ते से नहीं हटाया जा सकता।
ब्रेकडाउन ग्रुप से हुआ समाधान
इस समस्या से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस और डीटीसी ने मिलकर एक ब्रेकडाउन ग्रुप का गठन किया है। इस ग्रुप में ट्रैफिक पुलिस और डीटीसी के स्टाफ को जोड़ा गया है, ताकि अगर किसी बस का ब्रेकडाउन हो तो उसकी सूचना तुरंत ग्रुप पर डाली जा सके। इसके बाद नजदीकी डिपो से मैकेनिक जल्दी बस को ठीक करने के लिए पहुंचता है, जिससे जाम की स्थिति पैदा होने से पहले ही समस्या का समाधान हो जाता है। पहले जो व्यवस्था थी उसके अनुसार, जिस डिपो की बस खराब होती थी उसी डिपो से मैकेनिक को भेजा जाता था। इस कारण जब एक डिपो की बस दूसरे इलाके में खराब हो जाती थी तो उसे ठीक करने में समय लग जाता था। इस परेशानी को हल करने के लिए अब नया नियम लागू किया गया है, जिसमें किसी भी बस के खराब होने पर नजदीकी डिपो का मैकेनिक उसे तुरंत ठीक करेगा।
व्हाट्सऐप ग्रुप के सूचना से होगा समाधान
स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने बताया कि, इस नए सिस्टम के तहत ट्रैफिक पुलिस और डीटीसी का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। जब भी कोई बस खराब होती है तो बस का ड्राइवर, कंडक्टर या स्थानीय ट्रैफिक पुलिस बस का फोटो लेकर उसका नंबर और लोकेशन ग्रुप पर भेज देता है। इसके बाद नजदीकी डिपो को तुरंत सूचना मिलती है और वहां का मैकेनिक बस को जल्दी ठीक करने के लिए पहुंचता है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि अगर मैकेनिक को आने में देर न हो, तो ड्राइवर, कंडक्टर और ट्रैफिक पुलिस को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाए, ताकि वे खुद भी मामूली खराबी को भी सही कर सकें और रास्ते से बस को हटा सकें। इस तरीके से दिल्ली की सड़कों पर खराब बसों के कारण होने वाले जाम की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
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