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Monday, September 7, 2020

सुशांत के करीबी दोस्त संदीप सिंह ने तोड़ी चुप्पी, हर आरोप का दिया करारा जवाब


सुशांत सिंह राजपूत मामले में (Sushant Singh Rajput Case) को ढाई महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इस मामले में रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) को मुख्य आरोपी बनाया गया है। मिली जानकारी इस मामले में सुशांत के दोस्त संदीप सिंह (Sandip Singh) के बारे कई प्रकार की खबरें छपी थीं। आपको बता दें संदीप, सुशांत सिंह की मौत के बाद उनके घर, पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार सभी में शामिल रहे। सुशांत की मौत के बाद सोशल मीडिया पर संदीप सिंह ने कई पोस्ट किए। इन पोस्ट के जरिये ये पता चलता है की इन दोनों में कितनी दोस्ती थी।

वहीं सबके जहन में यह सवाल उठ रहा है क‍ि संदीप, सुशांत सिंह के घरवालों से कभी मिले नहीं तो फिर इतनी सहानुभूति क्यों दिखा रहे हैं, या उनके दिल में कुछ ऐसे राज हैं जिन्हे वो छिपाना चाहते हैं। मीडिया में छप रही खबरों पर पहली बार संदीप सिंह ने सोशल मीडिया के जरिये अपना पक्ष रखा है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एंबुलेंस चालक से और सुशांत सिंह की बहन मीतू सिंह से किए गए व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं।

संदीप ने अपने पहले इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है- ‘क्षमा करें भाई, मेरी चुप्पी ने मेरी 20 साल से बनाई इमेज और परिवार को टुकड़ों में बांट दिया है। मुझे नहीं पता था कि आज के वक्त में दोस्ती के लिए प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। आज मैं अपनी व्यक्तिगत चैट को सार्वजनिक कर रहा हूं, क्योंकि यह आखिरी उपाय है जो हमारे रिश्ते को साबित करता है।’

उनसे मीडिया में यह सवाल पूछा गया कि आप पिछले एक साल से सुशांत के संपर्क में नहीं थे मगर अचानक आप सुशांत की मौत के दिन कैसे आ गए? इस बात का जवाब देते हुए संदीप ने कहा कि, मैं बिहारी फैमिली से हूं, यदि हम अनजान व्यक्ति की अर्थी भी देखते हैं तो हम उन्हें भी कंधा देते हैं, ये तो मेरा दोस्त था। सुशांत से मेरी दोस्ती साल 2011 से है। अपने दूसरे पोस्ट संदीप ने लिखा है- ’14 जून को जब मैंने तुम्हारे बारे में सुना, मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और तुम्हारे घर की तरफ दौड़ पड़ा। वहां मीतू दीदी के अलावा किसी को न देखकर हैरान हो गया। मैं आज भी सोच रहा हूं कि वहां उस वक्त तुम्हारी बहन के साथ बहुत ही कठिन समय में खड़ा रहकर मैंने गलती की या मुझे तुम्हारे दोस्तों के आने का इन्तजार करना चाहिए था।’

संदीप ने कहा, सुशांत छिछोरे और ड्राइव बनाने में बिजी था। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिल्म बनाने में बिजी था। मैं वहां गया क्योंकि मैं भीड़ का हिस्सा बनने गया था। मुझे लगा था कि कई लोग जो उनके दोस्त होने का दावा करते हैं, वे सब होंगे मगर जब मैं वहां पहुंचा तो वहां कोई नहीं था, वहां केवल मीतू दीदी का परिवार था। दोस्त होने के नाते मैं वहां सक्रिय था, मुझे नहीं मालूम था कि ऐसे वक्त में रिहर्सल करके खास अंदाज में अपनी बॉडी लैंग्वेज दिखानी होती है। मैं एक दोस्त की तरह वहां पहुंचा था।

अपने तीसरे पोस्ट में संदीप ने लिखा- ‘लोग कह रहे हैं कि तुम्हारी फैमिली मुझे नहीं जानती थी। हां ये सच है। मैं कभी तुम्हारी फैमिली से नहीं मिला। मगर शहर में शोक मनाती एक अकेली बहन को उसके भाई के अंतिम संस्कार में सहायता करना क्या मेरी गलती थी? एंबुलेंस ड्राइवर के बयान के बाद भी उसके साथ हुई मेरी बातचीत पर उठ रहे सवालों को खत्म करने के लिए मैं बस यही कहना चाहूंगा।’

संदीप ने चौथे इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है कि, ‘बस मुझ पर लगाए गए मॉरिशस की अटकलों वाली कहानी को खत्म करना चाहता हूं जो कि ईर्ष्यावश मेरी इमेज को खराब करने के लिए बनाई गई है। मॉरिशस पुलिस की तरफ से जारी किया गया लेटर साझा कर रहा हूं। वहां पर मेरे खिलाफ ऐसा कोई केस कभी फाइल ही नहीं हुआ है।’

एम्बुलेंस ड्राइवर का यह कर्तव्य था कि वह फोन करके अपने पैसे मांगे। हॉस्पिटल से किसी ने मेरा नंबर उसे दिया होगा तो ड्राइवर ने मुझे फोन करके अपना पैसा मांगा। यह स्पष्ट था कि ऐसे वक्त मैंने सुशांत सिंह राजपूत की बहन की स्थिति सोच के उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं बताया। मैंने दीपक साहू को अपना नंबर दिया, जिन्होंने अपना बिल 14 को नहीं बल्कि 15 या 16 जून को क्लियर किया। वह मुझे अपने पैसों के लिए कॉल कर रहा था। हमने कुछ दिनों बाद उसके पैसों का भुगतान कर दिया।

संदीप सिंह ने अपनी चैट के स्क्रीनशॉट्स भी इंस्टाग्राम पर साझा किये हैं। संदीप ने सुशांत के साथ अपनी बातचीत के जो स्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं वे नवंबर 2016 और जून 2018 के हैं। इनमें से 9 नवंबर 2016 की चैट में सुशांत ने संदीप से कहा कि ‘मेरे पास ऐसे दोस्त नहीं हैं जो होने चाहिए, मगर ऐसा भी नहीं है कि मेरे पास केवल शेट्टी है। तुम्हारा भी हमेशा स्वागत है भाई।’

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