MP Film Tourism Policy 2025: मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक नई फिल्म पर्यटन नीति की घोषणा की है। इस नीति के तहत फिल्मों और वेब-सीरीज के बनाने के लिए ग्रांट आमउंट में बढ़ोतरी की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस नीति को लेकर कहा कि इससे न केवल सिनेमा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
इतना मिलेगा ग्रांट आमउंट
- फीचर फिल्म निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये तक का ग्रांट आमउंट
- वेब सीरीज निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये तक का ग्रांट आमउंट
- टीवी सीरियल निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये तक का ग्रांट आमउंट
- डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तक का ग्रांट आमउंट
- अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के निर्माण पर 12 करोड़ रुपये तक का ग्रांट आमउंट
- शॉर्ट फिल्म निर्माण के लिए 20 लाख रुपये तक का ग्रांट आमउंट
स्थानीय भाषाओं और बोलियों को बढ़ावा
नई नीति में स्थानीय भाषाओं और बोलियों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया है। सरकार ने स्थानीय भाषाओं-बोलियों में फिल्म बनाने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान देने का प्रावधान किया है। इसमें मालवी, बुंदेली, निमाड़ी, बघेली और भीली भाषाओं की फिल्मों को प्राथमिकता दी जाएगी।
महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित फिल्मों को प्रोत्साहन
नई नीति में महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित फिल्मों के निर्माण को भी प्रोत्साहित किया गया है। ऐसी फिल्मों के निर्माण पर 15 प्रतिशत एक्ट्रा ग्रांट आमउंट दिया जाएगा। यह कदम समाज में महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों को उजागर करने और उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक जरूरी कदम है।
अब तक की अचीवमेंट
नई नीति की घोषणा से पहले ही मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म निर्माण को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब तक 15 हिंदी फिल्मों, 2 तेलुगु फिल्मों और 6 वेब सीरीज को 30 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय ग्रांट आमउंट दिया जा चुका है। इनमें कई प्रमुख फिल्म और वेब सीरीज प्रोजेक्ट शामिल हैं।
- स्त्री-1 एवं स्त्री-2
- भूल-भुलैया-3
- सुई-धागा
- लापता लेडीज
- द रेलवे मैन
- पैडमैन
- धड़क-2
- पंचायत
- कोटा फैक्ट्री
- गुल्लक
- सिटाडेल
नीति का उद्देश्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश को फिल्म निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि मध्य प्रदेश में फिल्म निर्माण को बढ़ावा मिले और यहां के स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और अन्य लोगों को रोजगार के अवसर मिलें। इसके साथ ही, हमारी स्थानीय भाषाओं और संस्कृति को भी वैश्विक स्तर पर पहचान मिले।”
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