यह घटना सोमवार 25 फरवरी को हुई, जब छात्र नेताओं ने प्रिंसिपल डॉ. अनामिका जैन और कई प्रोफेसरों को कॉलेज के यशवंत हॉल में बंद कर दिया। उन्होंने हॉल के बाहर गेट पर लकड़ी लगा दी और बिजली भी काट दी, ताकि कोई बाहर न निकल सके।
क्या थी घटना की वजह?
दरअसल, छात्रों ने कॉलेज कैंपस में एक प्राईवेट कोचिंग सेंटर द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह के पोस्टर लगाए थे। प्रिंसिपल डॉ. अनामिका जैन ने इन पोस्टरों को हटवा दिया, क्योंकि उन्हें इस आयोजन की अनुमति नहीं दी गई थी।
इसके बाद छात्र नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी और प्रोफेसरों को हॉल में बंद कर दिया। एक कर्मचारी ने हॉल की खिड़की से बाहर निकलकर गेट खोला, जिसके बाद प्राचार्य और प्रोफेसर बाहर आ सके।
कलेक्टर से शिकायत
इस घटना के बाद प्रिंसिपल डॉ. अनामिका जैन ने कलेक्टर अशीष सिंह से मुलाकात करके पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा कारणों से होली समारोह की अनुमति नहीं दी गई थी। बिना अनुमति के पोस्टर लगाए गए थे, जिन्हें हटवाया गया था। इसके बाद छात्र नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया।
होली समारोह को लेकर विवाद
कुछ दिन पहले ही छात्र नेताओं और एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 7 मार्च को होली समारोह आयोजित करने की अनुमति मांगी थी।
सोमवार को छात्रों ने पूरे परिसर में आयोजन के पोस्टर लगा दिए। जब कॉलेज प्रशासन ने इन्हें हटवाया, तो छात्र नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया।
प्राचार्य और प्रोफेसरों की मीटिंग के दौरान छात्र नेता हॉल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। जब प्राचार्य ने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया, तो छात्रों ने बाहर से गेट लगा दिया। बाद में छात्र नेताओं ने प्राचार्य कक्ष में भी हंगामा किया।
जांच के आदेश
इस घटना के बाद कलेक्टर अशीष सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर कलेक्टर को सौंपनी है। ADM राजेंद्र रघुवंशी इस मामले की जांच कर रहे हैं।
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