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Thursday, February 20, 2025

नीट पास करने के बाद ही विदेश से एमबीबीएस, सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला

 


Neet UG Exam : अभी तक विदेश से एमबीबीएस करने की होड़ मची रहती थी, लेकिन अब विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए इच्छुक स्टूडेंट्स को विदेशी मेडिकल संस्थानों में एडमिशन लेने के लिए नीट यूजी परीक्षा पास करनी अनिवार्य होगी। अभी तक विदेशों से बिना नीट पास किए एमबीबीएस करने का आनन्द तमाम छात्र उठा रहे थे, अब बिना नीट यूजी परीक्षा पास किए स्टूडेंट्स विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विदेश से मेडिकल कोर्स करने के लिए नीट यूजी योग्यता की वैधता बरकरार रखी है। सुप्रीम कोेर्ट के आदेश के बाद अब बिना नीट पास किए एमबीबएस करने का सपना देखने वाले छात्रों का ख्वाब ख्वाब ही रहेगा।

नीट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया के उस नियम को बरकरार रखा, जिसके तहत विदेशी संस्थानों में मेडिकल यूजी पाठ्यक्रम करने के लिए छात्रों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम 2018 में पेश किया गया, यह सुनिश्चित करता है कि विदेश में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र को भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए आवश्यक मानकों को अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा।

योग्यता नियमों को पूरा करने अनिवार्य

यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी आर गवई और के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह निर्णय दिए। कोर्ट ने फैसले में कहा कि यह नियम निष्पक्ष, पारदर्शी है और किसी भी वैधानिक प्रावधान के साथ टकराव नहीं करता है। नीट पास करने की आवश्यकता स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम, 1997 में निर्धारित योग्यता नियमों को पूरा करने के अतिरिक्त है। अब विदेश से एमबीबीएस के लिए नीट पास करना अनिवार्य कर दिया गया है।

नियमों में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हमें नियमों में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार से छूट देने से भी इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जाहिर है, खुली आंखों से, संशोधित नियम लागू होने के बाद यदि कोई उम्मीदवार प्राथमिक चिकित्सा योग्यता प्राप्त करने के लिए किसी विदेशी संस्थान में प्रवेश लेना चाहता है, तो वे नियमों से छूट नहीं मांग सकता है। जो देश के भीतर चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए आवश्यक योग्यता निर्धारित करता है वही भारत के बाहर कहीं भी अभ्यास करने के उनके अधिकार को प्रतिबंधित नहीं करता है।

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