USA Deporte Indian:अमेरिका अवैध प्रवासियों पर सख्त करवाई कर रहा हैं। इस क्रम 5 फरवरी को एयरक्राफ्ट से कई भारतीयों को डिपोर्ट किया गया था,जिसको लेकर मोदी सरकार पर जमकर तंज कैसे गए थे। एक बार फिर अमेरिका अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने के कार्रवाई करने वाला है।अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 119 भारतीय प्रवासियों को लेकर दो फ्लाइट 15 और 16 फरवरी को अमृतसर के गुरु राम दास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करेगी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों फ्लाइट सुबह 10:05 बजे लैंड करेंगी।
इन डिपोर्ट प्रवासियों में सबसे अधिक लोग पंजाब के हैं। जानकारी के मुताबिक, इनमें पंजाब के 67, हरियाणा के 33, गुजरात के 8, उत्तर प्रदेश के 3, महाराष्ट्र के 2, गोवा के 2, राजस्थान के 2 और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के एक-एक लोग हैं।
इससे पहले, 5 फरवरी को अमेरिका से एक विमान 104 भारतीयों को लेकर आया था, जिनमें ज्यादातर लोग हरियाणा, गुजरात और पंजाब के थे। और अब 16 फरवरी को एक और फ्लाइट के आने की संभावना है।
पहली फ्लाइट में यात्रियों को पहनाई गई थीं बेड़ियां
पहली फ्लाइट में आए यात्रियों के साथ कथित रूप से अमानवीय व्यवहार किया गया था। उन्हें बेड़ियों में बांधकर लाया गया, जिससे संसद में हंगामा हुआ। सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी और विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया कि यह मुद्दा अमेरिकी सरकार के सामने उठाया जाएगा। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, दूसरी फ्लाइट में आने वाले लोगों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाएगा।
कौन-कौन लौट रहे हैं भारत?
अवैध तरीके से अमेरिका जाने वाले लोग
अमेरिका से लौट रहे अधिकांश लोग “डंकी” रूट के जरिए वहां पहुंचे थे। यह एक अवैध तरीका है, जिसमें लोग लंबे सफर के बाद अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए उन्हें दलालों को बड़ी रकम चुकानी पड़ती है। अब जब ये लोग भारत लौट चुके हैं, तो पंजाब और हरियाणा सरकार ने ऐसे कई एजेंटों को गिरफ्तार किया है, जो इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे।
भारत और अमेरिका की सरकारें क्या कर रही हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अवैध प्रवास का मुद्दा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उठाया गया था। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बताया कि दोनों देशों ने अवैध प्रवास और मानव तस्करी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने पर सहमति जताई है। साथ ही, छात्रों और पेशेवरों के लिए कानूनी यात्रा मार्गों को आसान बनाने और व्यापार व पर्यटन यात्रा को सुगम बनाने की भी चर्चा हुई है।
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