छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस में वापसी: 18 बागी नेताओं समेत अजीत कुकरेजा का निष्‍कासन रद्द, संगठन ने जारी की लिस्‍ट; आगे क्‍या? - Newztezz

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Wednesday, February 12, 2025

छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस में वापसी: 18 बागी नेताओं समेत अजीत कुकरेजा का निष्‍कासन रद्द, संगठन ने जारी की लिस्‍ट; आगे क्‍या?

 


Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने निष्कासित नेताओं की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) कमेटी ने 18 नेताओं का निष्कासन रद्द कर उन्हें फिर से पार्टी में शामिल करने का फैसला लिया है। इस संबंध में प्रदेश प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने आधिकारिक आदेश जारी किया है।

इन नेताओं को पार्टी में वापस शामिल करने की अनुशंसा कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) द्वारा गठित छानबीन समिति ने की थी। समिति की सिफारिश के बाद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट की अनुमति से यह फैसला लिया गया। हालांकि, इस फैसले का विरोध भी हुआ है। अजीत कुकरेजा को पार्टी में वापसी को लेकर विरोध हुआ था। विरोध रायपुर उत्तर सीट से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी रहे कुलदीप जुनेजा ने जताया था। उनकी आपत्ति के बाद इसे रोक दिया गया था।

कौन हैं वापस लौटे नेता?

पार्टी में वापस लौटे नेताओं में अजीत कुकरेजा (रायपुर), शानू दुबे, दिवाकर साहू, जसबीर गुब्बर (बिलासपुर), विश्वजीत बोहरा (Chhattisgarh Congress) (महासमुंद), काजल नाग (कांकेर), ब्रम्हदत्त मांडवी, मनोज मालवीय (दंतेवाड़ा), नरेंद्र (टंडन) सुरीन, जुगल साहू (बालोद), हिदायत अंसारी, मूलकिशोर साहू, तुलसी साहू, सोहन साहू, खालिद मिर्जा, संजय निषाद, प्रतापदेव साहू और रितेश साहू शामिल हैं।



कुलदीप जुनेजा का विरोध

कुलदीप जुनेजा ने आरोप लगाया कि पार्टी (Chhattisgarh Congress) में वापसी को लेकर पैसों के लेन-देन की बात की गई है। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी हाईकमान को लिखित शिकायत भी भेजी है। दरअसल, कुकरेजा ने नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी कुलदीप जुनेजा के खिलाफ बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था, जिससे कांग्रेस उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था।

पार्टी में बढ़ सकता है फिर से असंतोष

पार्टी के इस फैसले से अंदरूनी असंतोष बढ़ सकता है, क्योंकि जुनेजा समेत कई नेताओं ने इसका विरोध (Chhattisgarh Congress) किया था। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस तरह के फैसले से कांग्रेस के पुराने और वफादार नेताओं में नाराजगी बढ़ सकती है, जो संगठन की नीति और अनुशासन को कमजोर कर सकता है।

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