Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन बिल समेत 16 बिलों पर चर्चा होनी हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में एनडीए की भारी जीत के बाद इस सत्र में सरकार की स्थिति मजबूत होने की संभावना दिख रही है। संसद का यह सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है।
इसके अलावा यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान संसद (Parliament Winter Session) में कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। इस दौरान पांच नए विधेयक पेश होंगे जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा होगी यानी कुल 16 विधेयक होंगे। सरकार इन बिल को इस सत्र में पारित करवाने की तैयारी में है।
अडानी समूह के रिश्वत मामले पर भी हो सकता है हंगामा
इससे पहले रविवार को शीत सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान कांग्रेस ने अडानी समूह के रिश्वत मामले में दोनों सदनों में चर्चा कराए जाने की मांग की है। इसके अलावा मणिपुर हिंसा, उत्तर भारत में पॉल्यूशन और ट्रेन हादसों पर चर्चा करना चाहता है।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस समेत 30 पार्टियों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान सदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने साफ किया कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के लिए चर्चा के लिए तैयार है।
वन नेशन-वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक पर भी चर्चा
वन नेशन-वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बिच इस सत्र में टकराव देखने को मिल सकता है। वक्फ बिल को लेकर गठित जेपीसी की बैठक में काफी हंगामा पहले ही हो चुका है। जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी की कमेटी सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
वहीं, वन नेशन-वन इलेक्शन पर रामनाथ कोविंद कमेटी भी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है और उस रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है, लेकिन 16 विधेयकों की लिस्ट में इससे संबंधित विधेयक का जिक्र नहीं है।
इन विधेयकों पर होगी चर्चा
संसद की कार्यसूची में जो 16 विधेयक शामिल किए गए हैं, उनमें पांच नए विधेयक हैं। बाकी 11 बिल ऐसे हैं जो पहले से ही लोकसभा या राज्यसभा में पेंडिंग हैं। इन लंबित विधेयकों के साथ नए विधेयकों की लिस्ट में सहकारिता विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक भी है।
सत्र (Parliament Winter Session) के दौरान पंजाब न्यायालय संशोधन विधेयक, मर्चेंट शिपिंग बिल, कोस्टल शिपिंग बिल भी संसद के आगामी सत्र में पेश किए जाएंगे।
इन विधेयकों के अलावा आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक, गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व का समायोजन करने से संबंधित विधेयक, रेलवे संशोधन विधेयक और बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पहले से ही पेंडिंग हैं।
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