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Friday, October 25, 2024

मथुरा में बड़ा मंथन कर रहा है RSS भाजपा के लिए अमृत

 


उत्तर प्रदेश की धरती पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) का बहुत बड़ा मंथन चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP)  के नेताओं को  RSS के मंथन से बड़ी उम्मीद है। भाजपा का मत है कि उत्तर प्रदेश के आम चुनाव ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, झारखंड तथा उसके बाद दिल्ली में होने वाले चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की धरती से अमृत निकलेगा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में चल रहा  RSS का मंथन अपने आखिरी पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है।

लोकसभा चुनाव में नाराज हो गया था संघ

यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है कि 2024 में हुए लोकसभा के आम चुनाव में आरएसएस (RSS) की भाजपा के साथ तनातनी हो गई थी। इसी तनातनी के कारण भाजपा को लोकसभा चुनाव में पटकनी भी मिली थी। चुनाव के नतीजों के बाद से ही भाजपा आरएसएस (RSS) के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने में जुटी हुई  है। खबर आ रही है कि आरएसएस (RSS) तथा भाजपा के रिश्ते फिर से मधुर हो गए हैं। इसी कारण भाजपा को उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश की धरती पर चल रहे RSS के मंथन से भाजपा के लिए अमृत निकलने वाला है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में RSS का 10 दिवसीय विशेष आयोजन 16 अक्टूबर से शुरू हो गया था तथा 26 अक्टूबर तक चलेगा। लगातार दो दिन यानि कि 25 तथा 26 अक्टूबर को RSS की सर्वोच्च परिषद की बैठक भी इसी दौरान उत्तर प्रदेश में हो रही है। 25 अक्टूबर को आरएसएस (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने दीप जलाकर बैठक की शुरूआत की है।

बहुत महत्वपूर्ण है संघ की उत्तर प्रदेश में बैठक

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में दीनदयाल उपाध्याय गाय विज्ञान, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित बैठक में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल में (RSS) के सभी 46 प्रांतों के प्रांत एवं सह प्रांत संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक हिस्सा लेंगे। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, सीए मुकुंदा, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार, अतुल लिमये और अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुख एवं कार्यकारिणी के सदस्यों सहित 393 कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे।

आपको बता दें कि हर साल ऐसी तीन अखिल भारतीय बैठकें आयोजित करता है। सरसंघचालक ने विजयादशमी संबोधन में परिवर्तन के पांच प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख किया था। इनमें सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य और अपने स्वयं के मूल्यों के अनुसार जीना। बैठक में ये पांच बिंदु सामाजिक परिवर्तन के लिए चर्चा का भी हिस्सा होंगे। सभी पदाधिकारी अपने-अपने प्रांतों में पूरे साल किए गए कार्यों को साझा करेंगे और विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। वे आगामी वर्ष के लिए लक्ष्यों और योजनाओं की रूपरेखा भी तैयार करेंगे और इन मामलों पर वरिष्ठ पदाधिकारियों का मार्गदर्शन लेंगे। गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में संकट के समय आरएसएस द्वारा किए गए राहत प्रयासों पर भी चर्चा की जाएगी। इन क्षेत्रों में स्थायी परियोजनाएं स्थापित करने की योजनाएं तलाशी जाएंगी। साल 2025 आरएसएस की स्थापना का शताब्दी वर्ष है। आरएसएस (RSS) पदाधिकारी शताब्दी वर्ष से संबंधित विशेष संगठनात्मक लक्ष्यों की समीक्षा करेंगे और शताब्दी वर्ष के भव्य उत्सव की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।

RSS की मंथन बैठक है खास

बैठक में संघ की सालभर की कार्य योजना तय की जाएगी। इसके अलावा, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगेटिव कंटेंट समेत अन्य कई महत्वपूर्ण मसलों पर मंथन किया जाएगा। पंच परिवर्तन के साथ संघ शताब्दी वर्ष में अपना कार्य विस्तार करेगा। समाज में शांति, परस्पर सौहार्द्र और समरसता भी बैठक की चर्चा में फोकस पॉइंट रहेंगे। संघ का कहना है कि बैठक में बच्चों पर सोशल मीडिया का गलत प्रभाव, सरकार की तरफ से इंटरनेट रेगुलेशन और जमीनी स्तर पर संगठन के विस्तार पर चर्चा की जाएगी।

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर कहते हैं कि शताब्दी वर्ष से पहले संगठन के विस्तार की योजना है। इस बैठक में इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी। अंबेकर का कहना था कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने विजयादशमी संबोधन में समाज की एकता और भ्रम को रोकने समेत जिन विषयों का उल्लेख किया था, उन पर चर्चा की जाएगी. समाज को एकजुट रखने और किसी भी तरह के भ्रम में पड़ने से बचने के लिए जरूरी प्रयासों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

आंबेकर का कहना था कि इस बात पर भी चर्चा होगी कि जमीनी स्तर पर आरएसएस का विस्तार कैसे जारी रखा जाए। शाखाओं और साप्ताहिक बैठकों समेत 2025 में विजयादशमी तक इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। महर्षि दयानंद सरस्वती, बिरसा मुंडा, अहिल्या बाई होल्कर, रानी दुर्गावती और सतगुरु अनुकूल चंद्र ठाकुर जैसी हस्तियों के योगदान का जश्न मनाया जाएगा। उनके विचारों और शिक्षाओं को विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए समाज के साथ साझा किया जाएगा। आरएसएस (RSS) को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का वैचारिक संगठन माना जाता है। इस बैठक में से ना सिर्फ आरएसएस वर्कर्स में ऊर्जा आएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी के लिए भी मददगार होगी। आरएसएस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपने वरिष्ठों से मार्गदर्शन मिलेगा। बीते दिनों मथुरा दौरे पर आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। औपचारिक रूप से यही कहा गया कि सीएम योगी ने संघ प्रमुख को महाकुंभ में आने का न्योता दिया है। लेकिन चर्चा है कि यह बैठक सिर्फ औपचारिकता तक सीमित नहीं थी। सूत्रों के अनुसार बैठक में उत्तर प्रदेश की राजनीति, खासकर आगामी उपचुनावों और संघ कार्यकर्ताओं की भूमिका पर भी गहन चर्चा हुई।

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में संघ भाजपा के साथ

मथुरा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा संघ प्रमुख की लगभग 45 मिनट तक बंद कमरे में चली इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सीएम योगी की संघ प्रमुख से उपचुनाव में संघ से जुड़े स्वयंसेवकों के इस्तेमाल को लेकर बात हुई और दोनों नेताओं ने संघ से मिलने वाले फीडबैक पर भी चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख ने सीएम योगी को आश्वस्त किया कि स्वयंसेवक हरियाणा की तर्ज पर उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भी बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे और पूरी मदद करेंगे।

इस बैठक से यह भी संकेत मिला है कि संघ और बीजेपी के बीच समन्वय को लेकर बेहतर तालमेल बन रहा है। संघ की तरफ से फीडबैक और सहायता का सीधा असर चुनाव नतीजों में देखने को मिल सकता है। सीएम योगी ने आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले मथुरा में महासचिव दत्तात्रेय होसबले से भी मुलाकात की थी और सप्त कुटीर में ढाई घंटे से अधिक समय तक रहे थे।

उत्तर प्रदेश की 9 सीटों के उपचुनाव को प्रतिष्ठा से जोडक़र देखा जा रहा है। इसे सीएम योगी की लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट भी माना जा रहा है। कहा ये भी जा रहा है कि ये उत्तर प्रदेश के उपचुनाव पूरे तरीके से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनाव है। यही वजह है कि सीएम योगी एक तरफ जहां उपचुनाव वाली हर सीट पर नजर रख रहे हैं, वहीं रणनीति तय करने से लेकर प्रचार के मोर्चे तक सक्रिय नजर आ रहे हैं। बीजेपी और आरएसएस (RSS) के बीच समन्वय को लेकर भी खुद ही फ्रंट पर आ गए हैं। चर्चा है कि आरएसएस (RSS) प्रमुख के साथ मुलाकात के दौरान सीएम योगी की आरएसएस (RSS) और बीजेपी में समन्वय पर भी बात हुई है। 

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