Moments of World Cup Sledging: क्रिकेट के खेल को हमेश जैंटलमैन गेम कहा गया है, लेकिन कभी-कभी इस खेल में ऐसी चीज़े देखने को मिल जाती हैं, जिससे यह बात गलत होती दिखायी देती है। कभी खेल के दौरान टीमों में काफी दोस्ती देखी जाती है और एक समय यह बिल्कुल विरोधी दिखने लगता है। इस खेल में किसी खिलाड़ी को मानसिक रूप से काफी मजबूत होना पड़ता है, जिस कारण मैदान में होने वाली स्लेजिंग से वह निपट सके।
जब खिलाड़ी एक-दूसरे को निज़ी तौर पर खेल के दौरान कुछ कहते हुए दिखाई देते हैं, तो उनकी ध्यान में जरूर खलल पड़ता है, जिसके बाद कुछ खिलाड़ी जहां पहले से बेहतर खेलते हुए दिखाई देते हैं, तो कुछ बिल्कुल इसके विपरीत लेकिन यह सब फैंस को काफी मजेदार लगता है। विश्वकप के दौरान भी ऐसी घटनाए देखने को मिली हैं, जिसके बाद हम उन 5 सबसे बड़ी घटनाओं पर नज़र डालते हैं, जो विश्वकप में स्लेजिंग के दौरान काफी मशहूर रहीं।
1. जावेद मियांदाद और किरन मोरे
यह विश्वकप के इतिहास में ऐसा लम्हा था, जिसे आज तक कोई भी नहीं भूल पाया है। साल 1992 के विश्वकप में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला खेला जाना था, जिसमें भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला लिया जिसमें सचिन तेंडुलकर ने 46 रनों की पारी खेलने के साथ टीम का स्कोर 49 ओवरो में 7 विकेट के नुकसान पर 216 रन बनाये।
इसके बाद पाकिस्तान की टीम जब इस स्कोर का पीछा करने के लिए उतरी तो 17 के स्कोर पर टीम के 2 विकेट गिर गए लेकिन फिर बल्लेबाज़ी के लिए जावेद मियांदाद जिन्होंने आमिर सोहेल के साथ मिलकर टीम को इस मुश्किल हालात से निकालने का करना शुरू किया लेकिन इसी दौरान विकेटकीपिंग कर रहे किरन मोरे जो पीछे से अपने गेंदबाज़ो का हौसला लगातार बढा रहे थे, जिससे मियांदाद काफी नाराज़ दिखे।
मियांदाद ने इसका जवाब देने के लिए किरन मोरे की नकल बीच मैदान में उतारने लगे लेकिन इससे उनकी एकाग्रता भंग हो गयी और वह 110 गेंदो में 40 रन बनाने के बाद ऑउट हो गए और पाकिस्तान को यह मैच 43 रनों से गवाना पड़ा।
2. रूबेल हुसैन बनाम विराट कोहली विश्वकप 2011
28 साल के बाद 2011 के विश्वकप में भारतीय टीम एकबार फिर से विश्वविजेता बनी थी, लेकिन इस विश्वकप का पहला मैच बांग्लादेश में खेला गया था, जहां बांग्लादेश और भारत आमने-सामने थी। उस समय मौजूदा कप्तान विराट कोहली काफी युवा थे, लेकिन उनके नाम पर 4 शतक दर्ज हो चुके थे।
मैच में भारतीय टीम पहले बल्लेबाज़ी कर रही थी और शुरूआत काफी अच्छी मिली थी, जिसके बाद गौतम गंभीर का जब विकेट गिरा तो अपने पहले विश्वकप में बल्लेबाज़ी के लिए विराट कोहली ने बांग्ला गेंदबाज़ रूबेल हुसैन की एक गेंद को सीधे खेलने का प्रयास किया लेकिन गेंद सही से टाइम नहीं हुई और रूबेल ने विराट के इस तरह शॉट खेलने पर काफी आश्चर्यजनक तरीके से उनकी तरफ देखा।
जिसके बाद कोहली को ये पसंद नहीं आया और उन्होंने अपने अंदाज़ में कुछ बोलते हुए रूबेल को जबाव दिया और उन्हें गेंदबाज़ी करने का इशारा किया। इसके बाद कोहली ने शानदार शतकीय पारी खेली और भारतीय टीम ने इस मैच को 87 रनों से जीता।
3. वहाब रियाज़ बनाम शेन वॉट्सन
2015 के विश्वकप में मेजबान ऑस्ट्रेलिया का क्वॉटर फाइनल में मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ था, जिसमें पाकिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ 213 रनों का ही स्कोर खड़ा किया।
इसके जवाब में कंगारू टीम की भी शुरूआत अच्छी नहीं रही लेकिन जब नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरे शेन वॉट्सन तो उन्हें उस मैच में शानदार गेंदबाज़ी कर रहे वहाब रियाज़ का सामना करना था, जो आसान काम नहीं था और वॉट्सन बिल्कुल भी सहज नहीं दिख रहे थे, जिसके बाद वहाब ने उनके खिलाफ स्लेजिंग भी की लेकिन वॉट्सन ने किसी तरह वहाब को अपना विकेट नहीं दिया और फिर 66 गेंदो में 64 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को 6 विकेट से जीत दिलाकर वापस लौटे।
4. वेंकटेश प्रसाद बनाम आमिर सोहेल
1996 का विश्वकप और क्वॉटर फाइनल मुकाबले में 2 एशियाई टीम भारत और पाकिस्तान का मुकाबला बेंगलूरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में होना था। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 288 रनों का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में पाकिस्तान के कप्तान आमिर सोहेल ने टीम को शानदार शुरूआत दी और अपना अर्धशतक वेंकटेश प्रसाद की गेंद पर चौका लगाकर पूरा किया लेकिन इसी शॉट को मारने के बाद वह आधी पिच पर आकर प्रसाद को बल्ले से गेंद की तरफ इशारा करते हुए कुछ बोले।
बायें हाथ के आमिर सोहेल बल्लेबाज़ी के दौरान काफी आत्मविश्वास में दिखाई दे रहे थे, लेकिन उस शॉट के बाद प्रसाद की अगली गेंद पर सोहेल ने कट करने का प्रयास किया लेकिन गेंद अंदर की तरफ आयी और वह बोल्ड हो गए जिसके बाद वेंकटेश प्रसाद ने सोहेल को गुस्से में पवेलियन की तरफ इशारा करते हुए जाने के लिए कहा और अंत में भारतीय टीम ने इस मैच में 39 रनों से शानदार जीत दर्ज की।
5. बाप–बाप होता है
विश्वकप में भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी मैच होता है, तो ऐसा लगता है, कि खेल का मैदान जंग में बदल गया है और साल 2003 के विश्वकप में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था, जब दोनों ही टीमों को आपस में खेलना था, क्योंकि उस समय भी दोनों ही देशों के बीच रिश्ते काफी ख़राब चल रहे थे।
इस मैच में पाकिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सईद अनवर की शानदार शतकीय पारी के बदौलत 274 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया जो भारतीय बल्लेबाज़ो के लिए बनाना आसान नहीं था, क्योंकि उस समय पाकिस्तान की गेंदबाज़ी में वसीम अकरम, वकार यूनुस और शोएब अख्तर शामिल थे।
लक्ष्य का पीछा करने के लिए उतरी सचिन और सहवाग की ओपनिंग जोडी ने टीम आते ही हमला बोल दिया इसी बीच पाक तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर ने सहवाग को स्लेज़ करने के बारे में सोचा और उन्हें बाउंसर गेंद फेकने के बाद कहा कि हुक मारो।
नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने जल्दी ही यह समझ लिया कि अख्तर उनके खिलाफ ऐसा ही करने वाले हैं, तो उन्होंने कोई खतरा नहीं उठाया और ओवर खत्म होने के बाद सहवाग ने अख्तर को जवाब देते हुए कहा कि वो तेरा बाप खड़ा है, उसको बोल वो मारकर दिखाएगा जिसमें उनका इशारा नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े सचिन तेंदुलकर की तरफ था और अगले ओवर में जब अख्तर के सामने सचिन बल्लेबाज़ी के लिए आये तो उन्होंने हुक शॉट खेलते हुए छक्का लगा दिया जिसके बाद सहवाग ने फिर से अख्तर से कहा कि, बेटा-बेटा होता है और बाप-बाप होता है। सचिन ने उस मैच में 98 रनों की मैच विनिंग पारी खेली जिस कारण भारतीय टीम ने उस मैच में 6 विकेट से शानदार जीत दर्ज की।
source- sportsgaliyara.com
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