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Friday, October 9, 2020

एम्स के डायरेक्टर ने चेताया: सर्दी और प्रदूषण में और भी खतरनाक होगा कोरोना वायरस

 


नई दिल्ली। थोड़ा शिथिल पड़ रहा कोरोना वायरस (Corona Virus) एक बार फिर से तेज़ी से फैलना शुरू हो गया है, इसकी मुख्य वजह मौसम में नमी का आना माना जा रहा है। कई एक्सपर्ट पहले भी चेतावनी जारी कर चुके थे की मौसम बदलने के साथ ही कोरोना केसों में भी बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है। वहीं अब एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने चेतावनी जारी की है कि अगर प्रदूषण में हल्की सी भी वृद्धि होगी तो वह लोगों के लिए खतरनाक साबित होगी। यह कोरोना केसों को बढ़ा सकती है। डॉक्टर गुलेरिया बताते हैं कि प्रदूषण में पीएम 2.5 स्तर की मामूली बढ़ोतरी भी आठ से नौ फीसदी कोरोना केसों को बढ़ा सकती है। साथ ही प्रदूषण बढ़ने से कोरोना संक्रमितों के साथ ही श्वास फेफड़ों की बीमरियों से संबंधित मरीजों की संख्या में इजाफा सकता है।

इंडिया टुडे मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में डॉक्टर गुलेरिया ने कहा अब चूंकि सर्दियों का सीजन आने वाला है ऐसे में लोगों को और भी सावधानी बरतने की जरूरत है, अन्यथा कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों के बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी। डॉक्टर गुलेरिया ने चीन और इटली के डेटा का जिक्र करते हुए बताया कि जहां पीएम 2.5 के स्तर की मामूली वृद्धि भी हुई तो बीमारी में कम से कम 8-9 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती हैं।

उन्होंने कहा वायु प्रदूषण बढ़ने से फेफड़ों में सूजन आ सकती हैं और SARS-COV-2 भी मुख्य रूप से फेफड़ों ही प्रभावित करता है। ऐसे में भारत के कुछ इलाके जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है। वहां संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा हो सकता है, इसलिए अब सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम सर्दियों में विशेष सावधानी बरतें और कोरोना महामारी के बचाव से जुडी हर गाइड लाइन का पालन करें।

उन्होंने बताया कि मास्क, फिजिकल डिस्टेंस और हैंड हाइजीन का ध्यान रखते हुए हम बीमारी को 30 से 40 फीसदी तक कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा अब चूंकि त्यौहारों का सीजन आने वाला है ऐसे में भीड़ बढ़ेगी और भीड़ के साथ खतरा भी बढ़ेगा।

इस दौरान जरुरी है कि हम सुरक्षा तंत्रों का पूरा इस्तेमाल करें। साथ ही त्यौहार भी कम से कम मनाएं। इंटरव्यू ने जब उनसे कोरोना वैक्सीन की प्राथमिकता पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा ‘वैक्सीन देने में समानता बरती जाएगी।

वैक्सीन पर प्राथमिकता का निर्धारण वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए। जिन लोगों की मृत्यु दर अधिक है या जिन्हें पहले से कोई बीमारी है उन लोगों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि हमारा लक्ष्य कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों को रोकना है।’


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